Dow Jones Industrial Average: क्या आपने सुना कि शेयर बाज़ार में क्या बवाल हुआ? 1 अगस्त 2025 को Dow Jones Industrial Average 542 पॉइंट्स नीचे लुढ़क गया! S&P 500 में 1.6% और Nasdaq Composite में 2.24% की गिरावट आई। ये सब July 2025 के weak jobs report और Trump tariffs की खबरों से हुआ। मानो निवेशकों का दिल ही टूट गया! चलिए, इस तूफान की पूरी कहानी जानते हैं क्या हुआ, क्यों, और अब क्या होगा।
नौकरियों की खबर ने मचाया हड़कंप
Dow Jones Industrial Average, July 2025 का nonfarm payrolls report निवेशकों के लिए जैसे ज़मीन खिसकने जैसा था। अमेरिका में सिर्फ़ 73,000 नई नौकरियाँ बनीं, जबकि लोग 1,00,000 की उम्मीद कर रहे थे। और चौंकाने वाली बात? मई और जून के आँकड़े ठीक किए गए मई में 1,44,000 की जगह 19,000 और जून में 1,47,000 की जगह सिर्फ़ 14,000 नौकरियाँ। यानी 2,58,000 नौकरियों का हिसाब गलत था!
ये दिखाता है कि अमेरिका का जॉब मार्केट कमज़ोर पड़ रहा है। बेरोज़गारी 4.2% तक चली गई। अगर नौकरियाँ कम होंगी, तो लोग कम खरीदारी करेंगे। आपने भी देखा होगा, बिना पैसे के बाज़ार कैसे चलेगा? इस डर ने निवेशकों को शेयर बेचने की जल्दी करवा दी।
Trump Tariffs: नई नीति ने बढ़ाया डर
31 जुलाई 2025 को डोनाल्ड ट्रम्प ने नए Trump tariffs का ऐलान कर सबको हैरान कर दिया। कनाडा पर 35%, यूरोपियन यूनियन पर 15%, और कई देशों पर 10–41% टैरिफ की बात हुई। ट्रम्प कहते हैं कि ये अमेरिकी कंपनियों को ताकत देगा, लेकिन निवेशकों को डर है कि सामान महँगा हो जाएगा।
सोचिए, अगर आपका नया फोन या टीवी महँगा हो जाए, तो क्या खरीदेंगे? यही चिंता निवेशकों को सता रही है। टैरिफ 7 अगस्त से शुरू होंगे, और Amazon जैसे शेयर पहले ही 7% गिर गए। इससे कंपनियों की कमाई पर असर पड़ेगा, और बाज़ार में डर और फैल गया।
टेक्नोलॉजी की दुनिया में तूफान
Nasdaq Composite, जहाँ टेक्नोलॉजी कंपनियाँ चमकती हैं, 2.24% नीचे गिरा। Amazon, Nvidia, Meta, और Alphabet के शेयर डूब गए। Amazon की कमाई उम्मीद से कम थी, और टैरिफ की खबर ने हालात और खराब कर दिए। Apple के शेयर भी थोड़े गिरे, हालाँकि उनकी iPhone बिक्री ठीक थी। टेक्नोलॉजी कंपनियाँ दुनिया भर की सप्लाई चेन पर टिकी हैं, और टैरिफ से उनकी लागत बढ़ सकती है।
कल्पना करें, अगर आपका पसंदीदा गैजेट महँगा हो जाए, तो क्या करेंगे? निवेशकों ने भी यही सोचा और शेयर बेचने शुरू कर दिए। Nasdaq को चार महीने में सबसे बुरा हफ्ता मिला। ऐसा लगा जैसे टेक की दुनिया में भूचाल आ गया!
बैंक और इंडस्ट्रियल शेयरों को भी झटका
बैंकों और इंडस्ट्रियल कंपनियों को भी चोट लगी। JPMorgan Chase और Bank of America जैसे बैंकों के शेयर 3.5–4% गिरे। टैरिफ और कमज़ोर जॉब मार्केट से लोन की माँग घटने का डर है। GE Aerospace और Caterpillar जैसे इंडस्ट्रियल शेयर भी 3% नीचे आए। टैरिफ से सामान बनाने की लागत बढ़ेगी, और मुनाफा कम होगा।
जब मुनाफा कम होगा, तो शेयर की कीमतें तो गिरेंगी ही! इस डर ने Dow Jones और S&P 500 को नीचे खींच लिया। आप भी सोच रहे होंगे इतने झटकों में बाज़ार कैसे टिकेगा?
Federal Reserve पर टिकी नज़रें
अब सब Federal Reserve को देख रहे हैं। weak jobs report के बाद लोग सितंबर में ब्याज दरें कम होने की उम्मीद कर रहे हैं। CME FedWatch Tool के मुताबिक, 25 बेसिस पॉइंट कट की संभावना 75.5% है। लेकिन टैरिफ से महँगाई बढ़ सकती है, और Federal Reserve को सावधानी बरतनी पड़ सकती है।
ट्रम्प ने फेड चेयर जेरोम पॉवेल को “ziddi” कहकर तुरंत ब्याज दरें कम करने की माँग की। लेकिन पॉवेल कहते हैं कि महँगाई 2% से ऊपर है, और जॉब मार्केट देखकर ही फैसला होगा। आप भी सोच रहे होंगे—इन उलझनों में अर्थव्यवस्था कहाँ जाएगी?
दुनिया भर के बाज़ार हिल गए
Trump tariffs और weak jobs report का असर सिर्फ़ अमेरिका तक नहीं रहा। यूरोप का Stoxx 600 इंडेक्स 1.8% और जर्मनी का DAX 1.89% गिरा। जापान का Nikkei 225 0.66% और हॉन्ग कॉन्ग का Hang Seng 1.07% नीचे आया। स्विस कंपनियों, जैसे Richemont और Novartis, को 39% टैरिफ का झटका लगा।
ये दिखाता है कि ट्रम्प की नीतियाँ पूरी दुनिया को हिला सकती हैं। अगर चीज़ें महँगी होंगी, तो लोग कम खरीदेंगे, और ग्लोबल व्यापार पर असर पड़ेगा। बाज़ार का ये माहौल देखकर लगता है कि आगे के दिन आसान नहीं होंगे।
अब क्या होगा?
निवेशकों का भरोसा हिल गया है, लेकिन कुछ लोग इसे मौका मान रहे हैं। GSD Wealth Management के Glen Smith कहते हैं, “छोटी गिरावट लंबे समय के निवेशकों के लिए अच्छा मौका हो सकती है।” लेकिन Goldman Sachs ने चेतावनी दी कि टैरिफ से S&P 500 की कमाई 2–3% कम हो सकती है।
तो, क्या आप इस मौके को पकड़ेंगे या रुकेंगे? बाज़ार में उतार-चढ़ाव तो होता रहता है, लेकिन इस बार का हंगामा कुछ बड़ा लगता है।
अस्वीकरण: ये जानकारी समाचारों और उपलब्ध डेटा पर आधारित है। शेयर बाज़ार में निवेश जोखिम भरा है। कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें। आँकड़े और कीमतें समय के साथ बदल सकते हैं।
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