UPI के नए नियम: UPI तो आपका रोज़ का साथी है, है ना? चाहे दुकान पर पेमेंट करना हो, दोस्त को पैसे भेजने हों, या बिल चुकाना हो, UPI ने ज़िंदगी आसान कर दी। लेकिन 1 अगस्त 2025 से, National Payments Corporation of India (NPCI) ने कुछ नए नियम शुरू किए हैं, जो आपके PhonePe, Google Pay, या Paytm जैसे ऐप्स को और बेहतर बनाएँगे। ये नियम सिस्टम को तेज़, मज़बूत, और भरोसेमंद बनाने के लिए हैं, ताकि आप बिना रुकावट पेमेंट कर सकें। तो, क्या हैं ये बदलाव? चलो, दोस्त की तरह आसान भाषा में बताता हूँ!
बैलेंस चेक की नई लिमिट: रोज़ 50 बार
क्या आप बार-बार अपने अकाउंट का बैलेंस चेक करते हैं? अब थोड़ा संभलना पड़ेगा! NPCI ने कहा है कि हर UPI ऐप से आप दिन में सिर्फ़ 50 बार balance checks कर सकते हैं। यानी, अगर आप Google Pay और Paytm दोनों यूज़ करते हैं, तो हर ऐप पर 50 चांस मिलेंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज़्यादा चेक करने से सिस्टम धीमा हो सकता है। लेकिन अच्छी बात? हर पेमेंट के बाद बैलेंस अपने आप दिखेगा, तो बार-बार चेक करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी!
Autopay अब सही समय पर: Non-Peak Hours
Netflix, बिजली बिल, या EMI जैसे Autopay पेमेंट्स अब सिर्फ़ non-peak hours में होंगे सुबह 10 बजे से पहले, दोपहर 1 से 5 बजे, या रात 9:30 बजे के बाद। व्यस्त समय (10 AM–1 PM और 5 PM–9:30 PM) में Autopay नहीं चलेगा, ताकि सिस्टम पर दबाव न पड़े। अगर पेमेंट मिस होता है, तो 1 कोशिश और 3 retries मिलेंगे। फिर भी न हुआ, तो Autopay रद्द। अपने बिल्स को इन घंटों में सेट करें, और टेंशन फ्री रहें!
बैंक अकाउंट्स चेक: दिन में 25 बार
क्या आप देखते हैं कि आपके फोन नंबर से कौन-से बैंक अकाउंट जुड़े हैं? अब ये भी सीमित है हर UPI ऐप से दिन में 25 बार। पहले आपको बैंक चुनना होगा, फिर अपनी मर्ज़ी से रिक्वेस्ट डालनी होगी। ये नियम सिस्टम को हल्का रखने और गलत इस्तेमाल रोकने के लिए है। तो, बार-बार चेक करने की आदत है, तो थोड़ा ध्यान रखें, भाई!
पेमेंट स्टेटस: 3 बार, 90 सेकंड का गैप
कभी “पेंडिंग” पेमेंट देखकर बार-बार रिफ्रेश करते हो? अब ऐसा कम करना पड़ेगा! NPCI ने नियम बनाया कि पेमेंट का स्टेटस दिन में सिर्फ़ 3 बार चेक कर सकते हैं, और हर बार 90 सेकंड का इंतज़ार करना होगा। अच्छी खबर? स्टेटस अब सेकंडों में अपडेट होगा “सफल” या “फेल”। इससे UPI तेज़ रहेगा, और आपको इंतज़ार की घबराहट कम होगी।
रिसीवर का नाम दिखेगा: गलती का डर खत्म
पैसे गलत इंसान को चले जाएँ, ये डर अब ख़त्म! 1 अगस्त से, हर UPI पेमेंट से पहले रिसीवर का रजिस्टर्ड नाम और ट्रांज़ैक्शन ID दिखेगा। मान लो, तुम अपने दोस्त को पैसे भेज रहे हो, तो उसका बैंक में रजिस्टर्ड नाम स्क्रीन पर आएगा। ये छोटा-सा बदलाव धोखाधड़ी रोकने में बड़ा काम करेगा। अब पक्का करो कि पैसे सही जगह जा रहे हैं!
Chargebacks की नई लिमिट: 10 बार, 30 दिन
कभी पेमेंट गलत हो जाए, तो Chargeback यानी रिफंड माँगते हो? अब इसके लिए भी नियम हैं। 30 दिन में आप ज्यादा से ज्यादा 10 Chargeback रिक्वेस्ट कर सकते हैं, और एक ही इंसान या दुकान के लिए 5 बार। ये सिस्टम को दुरुपयोग से बचाने के लिए है। Rohit Mahajan, Plutos ONE के फाउंडर, कहते हैं, “ये नियम UPI को और तेज़ और भरोसेमंद बनाएँगे, ताकि यूज़र्स और बैंक्स दोनों खुश रहें।”
UPI का नया दौर: और भी मज़ेदार भविष्य
NPCI के ये नियम UPI को सिर्फ़ आज नहीं, बल्कि सालों तक बेहतर बनाएँगे। जल्द ही, PIN की जगह biometric verification (जैसे फिंगरप्रिंट या फेस ID) से पेमेंट हो सकता है, जो बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों के लिए आसान होगा। साथ ही, 12 महीने से यूज़ न होने वाले UPI ID बंद हो जाएँगे, ताकि सिक्योरिटी और मज़बूत हो। जून 2025 में 18.4 अरब UPI ट्रांज़ैक्शन्स हुए ये नियम सुनिश्चित करेंगे कि ये रफ़्तार कभी न रुके।
अब आप क्या करें?
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बैलेंस चेक: ज़रूरत हो तभी चेक करें, क्योंकि पेमेंट के बाद बैलेंस दिखेगा।
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Autopay: बिल्स को non-peak hours में सेट करें।
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पेमेंट स्टेटस: 90 सेकंड का गैप रखें, बार-बार न चेक करें।
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रिसीवर का नाम: पेमेंट से पहले नाम ज़रूर देखें।
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Chargebacks: ज़रूरी होने पर ही रिफंड माँगें, लिमिट का ध्यान रखें।
अस्वीकरण: ये जानकारी NPCI के नियमों और उपलब्ध डेटा पर आधारित है। नियम या जानकारी समय और जगह के हिसाब से बदल सकती है। अपने UPI ऐप या बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर ताज़ा जानकारी चेक करें।
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